An Unbiased View of baglamukhi sadhna

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बगलामुखी मंत्र लाभ मां बगलामुखी मारण मंत्र यह बात हो गयी दीक्षा की अब इस साधना के क्या लाभ है ।या इस साधना को क्यों किया जाता है । जायदातर इस साधना को सम्बंधित यह धारणा है यह साधना सिर्फ़ और सिर्फ़ शत्रु नाश के लिए की जाती है ।यह एक बहुत बड़ा झूठ है यह महाविद्या सिर्फ़ शत्रु नाश के लेया नहीं है । यह साधना विजय प्राप्ति के लिए है ज़िंदगी के हर मोड़ सफल होने की साधना है । उदहारण के तोर पर समझता हु । जैसे आप किसी प्रतियोगता में भाग लिया है तो आप से भी बड़े विद्वान् उस प्रतियोगता में शामिल है और आपके मुकाबले में खड़े है । तो आप उन सब को हरा कर उस परियोगता को जीत सकते है ।

दरियाई काली साधना आपार धन दौलत और शक्तिशाली बनने की साधना…

हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै

अर्थात् – विराट् दिशा’ दशों दिशाओं को प्रकाशित करनेवाली, ‘अघोरा’ सुन्दर स्वरूपवाली, ‘विष्णु-पत्नी’ विष्णु की रक्षा करनेवाली वैष्णवी महा-शक्ति, ‘अस्य’ त्रिलोक जगत् की ‘ईशाना’ ईश्वरी तथा ‘सहसः ‘महान् बल को धारण करनेवाली ‘मनोता’ कही जाती है।

देवी को कपास के दो वस्त्र अर्पित करें। एक वस्त्र देवी के गले में अलंकार के समान पहनाएं तथा दूसरा देवी के चरणों में रखें।



6] I'm sharing a description of the feminine who'll come and should hinder you. She's non-aside from the Goddess Baglamukhi herself who has come to check you. But the examination is difficult.  She's going to come in an exceptionally scary problem, carrying a garland fabricated from skulls, with sunken eyes and having a serious head in her arms away from which blood is continually coming and he or she is consuming the blood. She may have a Khappar along with her utilizing which she might scare you. All this she is going to do in front of you.

यदि आपके कुंडली में ग्रह हैं तो खराब या कमजोर फल या पीड़ा दे रहे हैं, तो उस स्थिति में मां को बगलामुखी मन्त्र से अत्यधिक लाभ मिलते हैं। सभी ग्रह से शांती मिलती हैं।बगलामुखी मन्त्र कुंडली में ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से रक्षा प्रदान करता है।

नमक से शत्रु का नाश

आपकी परिस्थिति और उपलब्ध समय के अनुसर आप छोटी और बड़ी दोनों तरह की पूजाओं का माध्यम माँ बगलामुखी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप छोटी पूजा कराना चाहते हैं तो पंचोपचार पूजन विधि का पालन कर सकते हैं, यदि विस्तृत पूजा कराने को इच्छुक है तो उसके लिए षोडशोपचार पूजन विधि का पालन करन पड़ता है। दोनों पूजाओं के चरण-दर-चरण नियम निम्नलिखित हैं:

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मखम पदम् स्तम्भय।

पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय

भूत-प्रेत, तत्रं-मत्रं प्रयोग को वापस भेजने हेतु बगला विपरीत-प्रत्यंगिरा का अनुष्ठान दुष्टों का नाश कर सरे कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

मङ्गलवार-युक्त चतुर्दशी, मकार, कुल-नक्षत्रों से युक्त ‘वीर-रात्रि कही जाती है। इसी की ‘ अर्ध-रात्रि’ में श्रीबगला का आविर्भाव read more हुआ था।

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